Lectionary Calendar
Friday, May 10th, 2024
the Sixth Week after Easter
Attention!
For 10¢ a day you can enjoy StudyLight.org ads
free while helping to build churches and support pastors in Uganda.
Click here to learn more!

Read the Bible

पवित्र बाइबिल

2 राजा 8

1 जिस स्त्री के बेटे को एलीशा ने जिलाया था, उस से उसने कहा था कि अपने घराने समेत यहां से जा कर जहां कहीं तू रह सके वहां रह; क्योंकि यहोवा की इच्छा है कि अकाल पड़े, और वह इस देश में सात वर्ष तक बना रहेगा।2 परमेश्वर के भक्त के इस वचन के अनुसार वह स्त्री अपने घराने समेत पलिश्तियों के देश में जा कर सात वर्ष रही।3 सात वर्ष के बीतने पर वह पलिश्तियों के देश से लौट आई, और अपने घर और भूमि के लिये दोहाई देने को राजा के पास गई।4 राजा परमेश्वर के भक्त के सेवक गेहजी से बातें कर रहा था, और उसने कहा कि जो बड़े बड़े काम एलीशा ने किये हैं उन्हें मुझ से वर्णन कर।5 जब वह राजा से यह वर्णन कर ही रहा था कि एलीशा ने एक मुर्दे को जिलाया, तब जिस स्त्री के बेटे को उसने जिलाया था वही आकर अपने घर और भूमि के लिये दोहाई देने लगी। तब गेहजी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! यह वही स्त्री है और यही उसका बेटा है जिसे एलीशा ने जिलाया था।6 जब राजा ने स्त्री से पूछा, तब उसने उस से सब कह दिया। तब राजा ने एक हाकिम को यह कह कर उसके साथ कर दिया कि जो कुछ इसका था वरन जब से इस ने देश को छोड़ दिया तब से इसके खेत की जितनी आमदनी अब तक हुई हो सब इसे फेर दे।

7 और एलीशा दमिशक को गया। और जब अराम के राजा बेन्हदद को जो रोगी था यह समाचार मिला, कि परमेश्वर का भक्त यहां भी आया है,8 तब उसने हजाएल से कहा, भेंट ले कर परमेश्वर के भक्त से मिलने को जा, और उसके द्वारा यहोवा से यह पूछ, कि क्या बेन्हदद जो रोगी है वह बचेगा कि नहीं?9 तब हजाएल भेंट के लिये दमिश्क की सब उत्तम उत्तम वस्तुओं से चालीस ऊंट लदवा कर, उस से मिलने को चला, और उसके सम्मुख खड़ा हो कर कहने लगा, तेरे पुत्र अराम के राजा बेन्हदद ने मुझे तुझ से यह पूछने को भेजा है, कि क्या मैं जो रोगी हूँ तो बचूंगा कि नहीं?10 एलीशा ने उस से कहा, जा कर कह, तू निश्चय बच सकता, तौभी यहोवा ने मुझ पर प्रगट किया है, कि तू नि:सन्देह मर जाएगा।11 और वह उसकी ओर टकटकी बान्ध कर देखता रहा, यहां तक कि वह लज्जित हुआ। और परमेश्वर का भक्त रोने लगा।12 तब हजाएल ने पूछा, मेरा प्रभु क्यों रोता है? उसने उत्तर दिया, इसलिये कि मुझे मालूम है कि तू इस्राएलियों पर क्या क्या उपद्रव करेगा; उनके गढ़ वाले नगरों को तू फूंक देगा; उनके जवानों को तू तलवार से घात करेगा, उनके बाल-बच्चों को तू पटक देगा, और उनकी गर्भवती स्त्रियों को तू चीर डालेगा।13 हजाएल ने कहा, तेरा दास जो कुत्ते सरीखा है, वह क्या है कि ऐसा बड़ा काम करे? एलीशा ने कहा, यहोवा ने मुझ पर यह प्रगट किया है कि तू अराम का राजा हो जाएगा।14 तब वह एलीशा से बिदा हो कर अपने स्वामी के पास गया, और उसने उस से पूछा, एलीशा ने तुझ से क्या कहा? उसने उत्तर दिया, उसने मुझ से कहा कि बेन्हदद नि:सन्देह बचेगा।15 दूसरे दिन उसने राजाई को ले कर जल से भिगो दिया, और उसको उसके मुंह पर ऐसा ओढ़ा दिया कि वह मर गया। तब हजाएल उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

16 इस्राएल के राजा अहाब के पुत्र योराम के पांचवें वर्ष में, जब यहूदा का राजा यहोशापात जीवित था, तब यहोशापात का पुत्र यहोराम यहूदा पर राज्य करने लगा।17 जब वह राजा हुआ, तब बत्तीस वर्ष का था, और आठ वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा।18 वह इस्राएल के राजाओं की सी चाल चला, जैसे अहाब का घराना चलता था, क्योंकि उसकी स्त्री अहाब की बेटी थी; और वह उस काम को करता था जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।19 तौभी यहोवा ने यहूदा को नाश करना न चाहा, यह उसके दास दाऊद के कारण हुआ, क्योंकि उसने उसको वचन दिया था, कि तेरे वंश के निमित्त मैं सदा तेरे लिये एक दीपक जलता हुआ रखूंगा।20 उसके दिनों में एदोम ने यहूदा की आधीनता छोड़कर अपना एक राजा बना लिया।21 तब योराम अपने सब रथ साथ लिये हुए साईर को गया, ओर रात को उठ कर उन एदोमियों को जो उसे घेरे हुए थे, और रथों के प्रधानों को भी मारा; और लोग अपने अपने डेरे को भाग गए।22 यों एदोम यहूदा के वश से छूट गया, और आज तक वैसा ही है। उस समय लिब्ना ने भी यहूदा की आधीनता छोड़ दी।23 योराम के और सब काम और जो कुछ उसने किया, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?24 निदान योराम अपने पुरखाओं के संग सो गया और उनके बीच दाऊदपुर में उसे मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र अहज्जाह उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

25 अहाब के पुत्र इस्राएल के राजा योराम के बारहवें वर्ष में यहूदा के राजा यहोराम का पुत्र अहज्याह राज्य करने लगा।26 जब अहज्याह राजा बना, तब बाईस वर्ष का था, और यरूशलेम में एक ही वर्ष राज्य किया। और उसकी माता का नाम अतल्याह था, जो इस्राएल के राजा ओम्री की पोती थी।27 वह अहाब के घराने की सी चाल चला, और अहाब के घराने की नाईं वह काम करता था, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, क्योंकि वह अहाब के घराने का दामाद था।28 और वह अहाब के पुत्र योराम के संग गिलाद के रामोत में अराम के राजा हजाएल से लड़ने को गया, और अरामियों ने योराम को घायल किया।29 सो राजा योराम इसलिये लौट गया, कि यिज्रैल में उन घावों का इलाज कराए, जो उसको अरामियों के हाथ से उस समय लगे, जब वह हजाएल के साथ लड़ रहा था। और अहाब का पुत्र योराम तो यिज्रैल में रोगी रहा, इस कारण यहूदा के राजा यहोराम का पुत्र अहजयाह उसको देखने गया।

adsFree icon
Ads FreeProfile