Lectionary Calendar
Friday, May 17th, 2024
the Seventh Week after Easter
Attention!
Partner with StudyLight.org as God uses us to make a difference for those displaced by Russia's war on Ukraine.
Click to donate today!

Read the Bible

पवित्र बाइबिल

यिर्मयाह 26

1 योशिय्याह के पुत्र यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज्य के आरम्भ में, यहोवा की ओर से यह वचन पहुंचा, यहोवा यों कहता है,2 यहोवा के भवन के आंगन में खड़ा हो कर, यहूदा के सब नगरों के लोगों के साम्हने जो यहोवा के भवन में दण्डवत करने को आएं, ये वचन जिनके विषय उन से कहने की आज्ञा मैं तुझे देता हूँ कह दे; उन में से कोई वचन मत रख छोड़।3 सम्भव है कि वे सुनकर अपनी अपनी बुरी चाल से फिरें और मैं उनकी हानि करने से पछताऊं जो उनके बुरे कामों के कारण मैं ने ठाना था।4 इसलिये तू उन से कह, यहोवा यों कहता है, यदि तुम मेरी सुन कर मेरी व्यवस्था के अनुसार जो मैं ने तुम को सुनवा दी है न चलो,5 और न मेरे दास भविष्यद्वक्ताओं के वचनों पर कान लगाओगे, (जिन्हें मैं तुम्हारे पास बड़ा यत्न कर के भेजता आया हूँ, परन्तु तुम ने उनकी नहीं सुनी),6 तो मैं इस भवन को शीलो के समान उजाड़ दूंगा, और इस नगर का ऐसा सत्यानाश कर दूंगा कि पृथ्वी की सारी जातियों के लोग उसकी उपमा दे देकर शाप दिया करेंगे।

7 जब यिर्मयाह ये वचन यहोवा के भवन में कह रहा था, तब याजक और भविष्यद्वक्ता और सब साधारण लोग सुन रहे थे।8 और जब यिर्मयाह सब कुछ जिसे सारी प्रजा से कहने की आज्ञा यहोवा ने दी थी कह चुका, तब याजकों और भविष्यद्वक्ताओं और सब साधारण लोगों ने यह कह कर उसको पकड़ लिया, निश्चय तुझे प्राणदण्ड होगा।9 तू ने क्यों यहोवा के नाम से यह भविष्यद्वाणी की कि यह भवन शीलो के समान उजाड़ हो जाएगा, और यह नगर ऐसा उजड़ेगा कि उस में कोई न रह जाएगा? इतना कह कर सब साधारण लोगों ने यहोवा के भवन में यिर्मयाह के विरुद्ध भीड़ लगाई।10 यहूदा के हाकिम ये बातें सुन कर, राजा के भवन से यहोवा के भवन में चढ़ आए और उसके नये फाटक में बैठ गए।11 तब याजकों और भविष्यद्वक्ताओं ने हाकिमों और सब लोगों से कहा, यह मनुष्य प्राणदण्ड के योग्य है, क्योंकि इस ने इस नगर के विरुद्ध ऐसी भविष्यद्वाणी की है जिसे तुम भी अपने कानों से सुन चुके हो।12 तब यिर्मयाह ने सब हाकिमों और सब लोगों से कहा, जो वचन तुम ने सुने हैं, उसे यहोवा ही ने मुझे इस भवन और इस नगर के विरुद्ध भविष्यद्वाणी की रीति पर कहने के लिये भेज दिया है।13 इसलिये अब अपना चालचलन और अपने काम सुधारो, और अपने परमेश्वर यहोवा की बात मानो; तब यहोवा उस विपत्ति के विषय में जिसकी चर्चा उसने तुम से की है, पछताएगा।14 देखो, मैं तुम्हारे वश में हूँ; जो कुछ तुम्हारी दृष्टि में भला और ठीक हो वही मेरे साथ करो।15 पर यह निश्चय जानो, कि, यदि तुम मुझे मार डालोगे, तो अपने को और इस नगर को और इसके निवासियों निर्दोष के हत्यारे बनाओगे; क्योंकि सचमुच यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास ये सब वचन सुनाने के लिये भेजा हे।

16 तब हाकिमों और सब लोगों ने याजकों और नबियों से कहा, यह मनुष्य प्राणदण्ड के योग्य नहीं है क्योंकि उसने हमारे परमेश्वर यहोवा के नाम से हम से कहा है।17 और देश के पुरनियों में से कितनों ने उठ कर प्रजा की सारी मण्डली से कहा,18 यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में मोरसेती मीकायाह भविष्यद्वाणी कहता था, उसने यहूदा के सारे लोगों से कहा, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा और यरूशलेम खएडहर हो जाएगा, और भवन वाला पर्वत जंगली स्थान हो जाएगा।19 क्या यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने वा किसी यहूदी ने उसको कहीं मरवा डाला? क्या उस राजा ने यहोवा का भय न माना ओर उस से बिनती न की? और तब यहोवा ने जो विपत्ति उन पर डालने के लिये कहा था, उसके विषय क्या वह न पछताया? ऐसा कर के हम अपने प्राणों की बड़ी हानि करेंगे।20 फिर शमायाह का पुत्र ऊरिय्याह नाम किर्यत्यारीम का एक पुरुष जो यहोवा के नाम से भविष्यद्वाणी कहता था उसने भी इस नगर और इस देश के विरुद्ध ठीक ऐसी ही भविष्यद्वाणी की जैसी यिर्मयाह ने अभी की है।21 और जब यहोयाकीम राजा और उसके सब वीरों और सब हाकिमों ने उसके वचन सुने, तब राजा ने उसे मरवा डालने का यत्न किया; और ऊरिय्याह यह सुन कर डर के मारे मिस्र को भाग गया।22 तब यहोयाकीम राजा ने मिस्र को लोग भेजे अर्थात अकबोर के पुत्र एलनातान को कितने और पुरुषों के साथ मिस्र को भेजा।23 और वे ऊरिय्याह को मिस्र से निकाल कर यहोयाकीम राजा के पास ले आए; और उसने उसे तलवार से मरवा कर उसकी लोथ को साधारण लोगों की कबरों में फिंकवा दिया।24 परन्तु शापान का पुत्र अहीकाम यिर्मयाह की सहायता करने लगा और वह लोगों के वश में वध होने के लिये नहीं दिया गया।

 
adsfree-icon
Ads FreeProfile