Lectionary Calendar
Wednesday, June 18th, 2025
the Week of Proper 6 / Ordinary 11
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पवित्र बाइबिल

योना 2

1 तब योना ने उसके पेट में से अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कहा,2 मैं ने संकट में पड़े हुए यहोवा की दोहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तू ने मेरी सुन ली।3 तू ने मुझे गहिरे सागर में समुद्र की थाह तक डाल दिया; और मैं धाराओं के बीच में पड़ा था, तेरी भड़काई हुई सब तरंग और लहरें मेरे ऊपर से बह गईं।4 तब मैं ने कहा, मैं तेरे साम्हने से निकाल दिया गया हूं; तौभी तेरे पवित्र मन्दिर की ओर फिर ताकूंगा।5 मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहिरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था।6 मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है।7 जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैं ने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंच गई।8 जो लोग धोखे की व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, वे अपने करूणानिधान को छोड़ देते हैं।9 परन्तु मैं ऊंचे शब्द से धन्यवाद कर के तुझे बलिदान चढ़ाऊंगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूंगा। उद्धार यहोवा ही से होता है।

10 और यहोवा ने मगरमच्छ को आज्ञा दी, और उसने योना को स्थल पर उगल दिया॥

 
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